वो भी चेहरों में ढूँढता रहा
वो भी चेहरों में ढूँढता रहा,
मैं भी चेहरों में ढूँढती रही,
वो भी शहरों में घूमता रहा,
मैं भी शहरों में घूमती रही ॥१॥
दिल के दरवाज़े पर जो पड़ी थी दस्तक,
न उसने सुनी और न मैंने ही,
वो भी आँखें मूँदता रहा,
मैं भी आँखें मूँदती रही,
वो भी चेहरों में ढूँढता रहा,
मैं भी चेहरों में ढूँढती रही ॥२॥
हाले-ए-दिल जो बयाँ था करना,
न वो कर सका, और न मैं,
वो भी मौके ढूंढता रहा,
मैं भी मौके ढूंढती रही,
वो भी चेहरों में ढूँढता रहा,
मैं भी चेहरों में ढूँढती रही ॥३॥
के अब जो गुज़ारी है तन्हा,
उसने भी और मैंने भी,
वह भी तस्वीरे चूमता रहा,
मैं भी तसवीरें चूमती रही,
वो भी चेहरों में ढूँढता रहा,
मैं भी चेहरों में ढूँढती रही ॥४॥